हल्द्वानी। उत्तराखंड परिवहन निगम के सामने बड़ी परेशानी खड़ी हो गई है। पिछले साल अक्टूबर महीने में भी इस तरह की समस्या से परिवहन निगम को सामना करना पड़ा था जब दिल्ली सरकार ने बीएस-4 श्रेणी की बसों को दिल्ली में प्रवेश नहीं देने की बात कही थी। अब एक बार फिर से समस्या खड़ी होने की नौबत आ गई है। हालांकि दिल्ली की ओर से जो एडवाइजरी लैटर भेजा गया है, उसमें बीस-6 बसों के संचालन का जिक्र तो है लेकिन पुरानी डीजल बसों के प्रवेश पर प्रतिबंध की बात नहीं की गई है। दिल्ली से एडवायजरी मिलने के बाद निगम प्रबंधन में भी हड़कंम की स्थिति पैदा हो गई है। उत्तराखंड परिवहन निगम के महाप्रबंधक दीपक जैन का कहना है कि अब तक आधिकारिक तौर पर बसों प्रतिबंध लगाने संबंधित पत्र नहीं मिला है। इस संबंध में शासन को अवगत कराया जाएगा। बता दें कि उत्तराखंड परिवहन निगम के लिए दिल्ली रूट सबसे ज्यादा मुनाफे वाला रूट है। उत्तराखंड से दिल्ली के लिए रोजाना तकरीबन 400 बसें संचालित होती हैं। ऐसे में अगर पुरानी बसों को दिल्ली में प्रवेश नहीं मिला तो बड़ी समस्या खड़ी हो सकती है। यहां पर बता दें कि पिछले साल एक अक्टूबर को भी इसी तरह की नौबत आई थी। जब दिल्ली सरकार ने सितंबर महीने में एडवायजरी जारी करते हुए दिल्ली में केवल बीएस-6 श्रेणी की बसों को प्रवेश देने की बात कही थी। अब फिर से वैसी ही समस्या दोबारा सामने आ गई है। अगर में दिल्ली में उत्तराखंड जाने वाली बसों पर प्रतिबंधित लगता है तो इसका असर दूसरे राज्यों की ओर जाने वाली बसों पर भी पड़ सकता है।
निगम के पास नहीं है बीएस-6 श्रेणी की बसः
करीब 1300 बस बेड़े वाले उत्तराखंड परिवहन निगम के पास बीएस-6 श्रेणी की एक भी बस नहीं है। 150 अनुबंधित सीएनजी बसें ही बीएस-6 श्रेणी हैं। प्रतिबंध लगने का असर न केवल यात्रियों पर पड़ेगा बल्कि निगम को भी घाटा उठाना पड़ेगा।
Chief Editor, Aaj Khabar