दर-दर भटक रहे परिवार को 17 साल बाद मिला इंसाफ, परिजनों ने आयुक्त का जताया आभार।

दर-दर भटक रहे परिवार को 17 साल बाद मिला इंसाफ, परिजनों ने आयुक्त का जताया आभार।
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हल्द्वानी। पिछले 17 सालों से न्याय के लिए दर-दर भटक रहे एक परिवार को मंडलायुक्त ने इंसाफ दिलाया है। परिजनों ने आयुक्त का आभार जताया है। दरअसल, हरीश चंद्र पांडेय निवासी उत्तरौडा कपकोट ने बताया था कि वर्ष 2006 में उन्होंने अपने पुत्र गणेश चंद्र पांडेय के नाम से ग्राम जयदेवपुर हल्द्वानी में 30’60 फीट का प्लॉट खरीदा था। किंतु वे अपना प्लॉट चिन्हित नहीं कर पा रहे थे। अपने प्लॉट की लोकेशन और जानकारी के लिए आयुक्त से गुहार लगाई थी। हरीश चंद्र पांडेय और संबंधित पटवारी की समस्या के समाधान के लिए आज जनसुनवाई में बुलाया था। फरियादी ने आभार का व्यक्त करते हुए कहा कि उनके सहयोग से 17 वर्ष बाद उन्हें अपनी ज़मीन की जानकारी हो गई हैं। गौरतलब है कि हरीश चंद्र पांडेय 2004 में शिक्षा विभाग से शिक्षक के पद से रिटायर हुए थे।

कोटाबाग निवासी रजनी सिंह पत्नी उमराव सिंह ने बताया कि 02 अक्टूबर की सुबह सीएचसी कोटाबाग में उनकी सामान्य डिलीवरी से पुत्री हुई थी। जन्म के समय नवजात शिशु स्वस्थ था किंतु 03 अक्टूबर को सुबह 6ः30 बजे लगभग मौत हो गई थी। इस संबंध में आयुक्त ने सीडीओ को जांच के आदेश दिए। हल्द्वानी ग्राम हरिपुर कुंवरसिंह निवासी विमला ने बताया कि उनकी भूमि पर प्रधान द्वारा अवैध रूप से सिंचाई हेतु गुल बनवा दी उन्होंने प्रधान को इस सम्बन्ध में अवगत कराया लेकिन प्रधान द्वारा अभी तक कोई कार्यवाही नही की। उन्हांेने अवैध गूल को ध्वस्त कराने का अनुरोध किया। श्री रावत ने सम्बन्धित उपजिलाधिकारी के साथ ही राजस्व की टीम को जांच कर आख्या देने के निर्देश दिये। कमिश्नर दीपक रावत ने लोगों से अपील की है कि वह जमीन खरीदने से पहले पूरी तरह से यह जांच ले कि उनकी जमीन किसी और ने पहले खरीदी है या नहीं या उसमें कोई विवाद है या नहीं पूरी जांच पर करने के बाद ही वह जमीन की खरीदारी करें, वहीं उन्होंने कहा कोटाबाग में महिला की डिलीवरी के बाद बच्चे की मौत का मामला बेहद गंभीर है, जिसकी जांच की जा रही है और जो भी दोषी डॉक्टर है उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी,कमिश्नर दीपक रावत ने कहा मुख्यमंत्री द्वारा यह निर्देश है कि जनता दरबार लगाकर जिले में डीएम और मंडल में कमिश्नर जनता की समस्या को सुने इसी क्रम में वह लगातार जनता दरबार लगाकार जन समस्या को सुनते हैं।

दर-दर भटक रहे परिवार को 17 साल बाद मिला इंसाफ, परिजनों ने आयुक्त का जताया आभार।

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