हल्द्वानी। शहर में बेरोक टोक रसोई गैस की अवैध रिफिलिंग का धंधा जोरो पर चल रहा है। कारोबार से जुड़े लोग नियम कानून को ताक पर रखकर मोटी कमाई के चक्कर में गैस रिफिलिंग की दुकानें सजा कर बैठे हुए है। जो कभी भी तबाही मचा सकती है। अवैध रिफिलिंग का कारोबार ज्यादातर घनी आबादी के बीच किया जा रहा है जिससे कभी भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है। हालांकि समय-समय पर पूर्ति विभाग छापामार अभियान भी चलाता है लेकिन इस धंधे पर पूरी तरह से अंकुश नहीं लग पाया है। वहीं वाहनों और टैंपो में गैस किट लगाने का काम भी इन्हीं के द्वारा किया जाता है। जबकि नियम यह है कि वाहन पेट्रोल पंप से ही सीएनजी व एलपीजी भरा सकते हैं। सूत्रों की मानें इस धंधे से जुड़े लोगों को एक रसोई गैस सिलेंडर से आठ सौ रूपए का फायदा होता है। कारोबारी बड़ा रसोई गैस सिलेंडर लेते है और फिर अपनी दुकान के अंदर रिफलिंग करते है। रिफिलिंग का यह धंधा काफी खतरनाक है जिससे दुर्घटना होने की आशंका बनी रहती है। लेकिन इससे जुडे कारोबारी जरा भी परहेज नहीं कर रहे हैं। गैस रिफिलिंग का यह अवैध कारोबार चोरी-छिपे अथवा दूरदराज के इलाकों में नहीं बल्कि घनी आबादी वाले मोहल्लों और बीच बाजार में हजारों लोगों की जान जोखिम में डालकर चल रहा है। गैस रिफिलिंग के चलते पूर्व में हादसे भी हो चुके हैं। इसके बाद भी शहर में गैस सिलेंडरों का अवैध कारोबार बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। विगत दिवस हुई छापेमारी में वाहन में अवैध रूप से लाए जा रहे 22 सिलेंडर प्रशासन ने जब्त किए थे। वहीं दूसरी ओर टैंपों में गैस किट लगाने का धंधा भी खूब फल फूल रहा है।
Chief Editor, Aaj Khabar