हाईकोर्ट ने नैनीताल फ्लैट मैदान में नियम विरुद्ध लगे झूलों को लेकर सख्त रुख अपनाते हुए दिए निर्देश।
प्रदेश के मुख्य सचिव से भी जांच कर रिपोर्ट 10 दिन में कोर्ट में पेश करने को कहा।
कोर्ट ने ईओ को 50 हजार रुपये की राशि याचिकाकर्ता रमेश सजवाण को भुगतान करने के भी निर्देश दिए।
नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने नैनीताल फ्लैट मैदान में नियम विरुद्ध लगे झूलों को लेकर सख्त रुख अपनाते हुए नैनीताल पालिकाध्यक्ष सचिन नेगी के अधिकार सीज करते हुए अधिशासी अधिकारी आलोक उनियाल को निलंबित करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज न्यायमूर्ति इरशाद हुसैन की अध्यक्षता में कमेटी गठित कर इन अनियमितताओं की जांच के आदेश दिए हैं साथ ही प्रदेश के मुख्य सचिव से भी जांच कर रिपोर्ट दस दिन में कोर्ट में पेश करने को कहा है ।
कोर्ट ने अधिशासी अधिकारी को 50 हजार रुपये की राशि याचिकाकर्ता रमेश सजवाण को भुगतान करने के भी निर्देश दिए हैं । मामले की सुनवाई मुख्यन्यायधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खण्डपीठ में हुई ।
बता दें कि कोर्ट के आदेश पर पालिकाध्यक्ष सचिन नेगी व अधिशासी अधिकारी आलोक उनियाल दोनों मंगलवार को भी कोर्ट में हाजिर हुए थे।
मामले के मुताबिक फ्लैट में झूलों का टेंडर नगरपालिका नैनीताल ने 1अक्टूबर से 5 नवम्बर तक के लिए देहरादून के रमेश सजवाण को करीब 6.75 लाख रुपये में दिया था इस हेतु किसन पाल भारद्वाज ने भी आवेदन किया था जिसे पालिका द्वारा निरस्त कर दिया । पालिका ने यह प्रक्रिया बिना निविदा आमंत्रित किये ही कर दी थी जिसे किसन भारद्वाज ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। इस मामले में 10 अक्टूबर को मुख्य न्यायधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए नगर पालिका नैनीताल को उसी दिन झूले हटाने के निर्देश दिए थे और 12 अक्टूबर को कोर्ट के आदेश का पालन करने की रिपोर्ट पेश करने को कहा था किंतु फ्लैट से झूलों को 12 अक्टूबर तक भी पूरी तरह नहीं हटाया गया था । जिस पर कोर्ट ने पालिकाध्यक्ष सचिन नेगी व अधिशासी अधिकारी आलोक उनियाल को कोर्ट में तलब किया और उन्हें नियम विरुद्ध झूले संचालन करने पर कड़ी फ टकार लगाई और उन्हें कोर्ट की अवमानना का नोटिस जारी किया। हाईकोर्ट ने खेल मैदान में 6 हफ्ते तक व्यवसायिक गतिविधियां करने की अनुमति देने पर गम्भीर रुख अपनाते हुए इसका स्वत: संज्ञान लेते हुए इसे जनहित याचिका के रूप में पंजीकृत किया । खंडपीठ ने इस पूरे मामले में वित्तीय अनियमितताएं होने का संज्ञान लिया है जिसकी उच्च स्तरीय जांच के निर्देश दिए हैं ।
नैनीताल नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष सचिन नेगी ने हाईकोर्ट के फैसले के बाद पत्रकार वार्ता की। नेगी ने कहा कि वह पूरी तरह से हाईकोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं। कहा कि कुछ कमियां ऐसी रही जिसकी वजह से वह अपना स्पष्ट जवाव हाईकोर्ट में पेश नहीं कर सके।
नेगी ने पत्रकार वार्ता में कहा कि पालिका पर जो आरोप लगे हैं वह बेबुनियाद हैं। नेगी के मुताबिक वह अब न्याय के लिए सुप्रीम कोर्ट की शरण में जाएंगें। कहा कि हाईकोर्ट की ओर से जो जांच कमेटी गठित की गयी है वह उसको पूरा सहयोग देंगे। बता दें कि हाई कोर्ट की ओर से मामले की जांच के लिए सेवानिवृत न्यायाधीश की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया है जो पालिका के अधिकारियों पर लगे अनियमितता के आरोप की निष्पक्ष जांच करेंगी इसके बाद ही पालिकाध्यक्ष और अधिशासी अधिकारी पर लगे आरोप सिद्ध हो सकेंगे।
Chief Editor, Aaj Khabar