नैनीताल। हाईकोर्ट ने प्लास्टिक जनित कूड़े पर रोक की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी की अगुवाई वाली पीठ ने प्रदेश में बिक रही पालीथीन की थैलियों पर सरकार को पूर्ण रोक लगाने के निर्देश दिये। मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की युगलपीठ में अल्मोड़ा निवासी जितेन्द्र यादव की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट को बताया गया कि प्रदेश में रोक के बावजूद प्रतिबंध है पॉलीथीन की थैलियां बिक रही हैं। अन्य राज्यों से पालीथीन की थैलियों की लायी जा रही है। सरकार रोक लगाने में विफल रही हैं। कूड़ा वाहनों पर भी अभी तक जीपीएस सिस्टम नहीं लगाये गये हैं। वन पंचायतों के नक्शे वेबसाइट पर अपलोड किये गये हैं। सरकार की ओर से प्लास्टिक जनित कूड़ा के निस्तारण के लिये सन् 2013 में कानून बनाया गया है लेकिन अभी तक नियमावली तैयार नहीं की गयी है। साथ ही उत्पादों क्यूआर कोड लागू नहीं किया गया है। हाईकोर्ट ने सरकार को निर्देश दिये कि पालीथीन की थैलियों पर पूर्ण रोक लगायें। राज्य के बार्डर पर कामर्शिलय टैक्स विभाग को पुलिस और अन्य महकमों के सहयोग से जांच चलाने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही कूड़ा वाहनों पर जीपीएस सिस्टम लगाने और वन पंचायतों के नक्शे चार सप्ताह में अपलोड करने को कहा है। कोर्ट ने असफ ल रहने पर सचिव वन और राजस्व अगली तिथि पर अदालत में पेश होंगे। यही नहीं अदालत ने प्लास्टिक कूड़ा के निस्तारण के संबंध में 2013 में बनाये गये कानून के लिये छह महीने में नियमावली बनाने और उत्पादों पर क्यूआर कोड लागू करने के निर्देश दिये हैं। कोर्ट ने असफल रहने पर शहरी विकास विभाग के सचिव अगली सुनवाई पर अदालत में पेश होने को कहा है।
Chief Editor, Aaj Khabar