नैनीताल। उत्तराखण्ड हाईकोर्ट ने टिहरी जिले में पवित्र गंगा में फ्लोटिंग हट व फ्लोटिंग रेस्टोरेंटों के द्वारा मांसाहारी भोजन व मलमूत्र डाले जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। मामले की सुनवाई करते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश मनोज कुमार तिवारी व न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए राज्य प्रदूषण बोर्ड को निर्देश दिए हैं कि 5 जनवरी तक सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की लैब रिपोर्ट पेश करें। कोर्ट ने यह भी बताने को कहा है कि वहाँ पर कोई ऐसी गतिविधयां तो नहीं चल रही हैं जिसकी वजह से लोगों की भावनाएँ आहत हो रही हों। गुरुवार को सुनवाई पर प्रदूषण बोर्ड ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि पीसीबी ने 15 व 16 दिसम्बर को इसका औचक निरीरक्षण किया वहां पर स्थित सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की लैब रिपोर्ट अभी तक नहीं आई। रिपोर्ट आने के बाद भी अगर दुबारा निरीक्षण की जरूरत पड़ती है तो बोर्ड जाँच करने को तैयार है। मामले की अगली सुनवाई 5 जनवरी 2024 की तिथि नियत की है। मामले के मुताबिक नवीन सिंह राणा स्वर्गआश्रम जोंक जिला पौड़ी गढवाल ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि राज्य सरकार ने पर्यटन को बढावा देने के लिए टेहरी मे गंगा पर फ्लोटिंग हट व फ्लोटिंग रेस्टोरेंट चलाने की अनुमति दी गयी पंरतु इनके द्वारा इस अनुमति का गलत उपयोग किया जा रहा है। कई रेस्टोरेंटों के द्वारा इनमें मांसाहारी भोजन बनाकर उसका वेस्ट पवित्र गंगा में डाला जा रहा है। यही नही फ्लोटिंग हटो के द्वारा मलमूत्र भी डाला जा रहा है। जनहित याचिका में यह भी कहा है कि राज्य सरकार ने पर्यटन को बढावा देने के इनको जो लाइसेंस दिया गया है इनके द्वारा करोडों सनातनियों की भावनाओं के साथ खिलवाड किया जा रहा है। कहा है कि जहाँ सनातनी गंगा में नहाने से पहले उसकी पूजा करते हैं और चप्पल व जूते उतारकर स्नान करते हैं वहीं फ्लोटिंग हटो व रेस्टोरेंटों के द्वारा अपवित्र किया जा रहा है। याचिकाकर्ता ने इसपर रोक लगाए जाने को लेकर जिलाधिकारी तथा केंद्र सरकार व मुख्य सचिव को पत्र भेजा परन्तु इस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई। जिसको लेकर उन्हें न्यायलय की शरण मे आना पड़ा।
Chief Editor, Aaj Khabar