अतिक्रमणः आर-पार की लड़ाई के मूड में व्यापारी, संयुक्त संघर्ष समिति का गठन अतिक्रमण को लेकर व्यापारियों का आक्रोश अब चरम पर पहुंच गया है।

अतिक्रमणः आर-पार की लड़ाई के मूड में व्यापारी, संयुक्त संघर्ष समिति का गठन अतिक्रमण को लेकर व्यापारियों का आक्रोश अब चरम पर पहुंच गया है।
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गुरूवार की सुबह व्यापारियों का प्रतिनिधि मंडल निवर्तमान मेयर से मिला…बीच का रास्ता निकालने को लेकर मंथन भी हुआ लेकिन कोई नतीजा नही निकला तो व्यापारियों ने संयुक्त संघर्ष समिति का गठन कर शुक्रवार से आंदोलन का बिगुल फूंक दिया है। शुक्रवार यानि आज सांकेतिक जुलूस निकाला जाएगा। फिर प्रेसवार्ता होगी और आगे की रणनीति बनाई जाएगा……….

हल्द्वानी। शहर में इन दिनों सडक़ चौड़ीकरण कार्य किया जा रहा है। इसके लिए सडक़ की पैमाइश कर अतिक्रमण ध्वस्तीकरण की कार्रवाई चल रही है। साथ ही इसकी जद में आए भवनों को नोटिस जारी किए जा रहे हैं। प्रशासन की इस कार्रवाई से व्यापारियों में खलबली मची हुई है। ऐसे में अब उन्होंने निवर्तमान मेयर से बीच का रास्ता निकालने की गुहार लगाई। साथ ही आंदोलन की चेतावनी दी। इसके बाद व्यापारियों ने हिंदू धर्मशाला में बैठक की और आगे की रणनीति बनाई। शुक्रवार यानि आज सांकेतिक जूलूस निकाला जाएगा और काले झंडे दिखाकर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। इसके बाद प्रेसवार्ता होगी और आंदोलन के लिए आगे की रणनीति बनाई जाएगी। व्यापारियों के अतिक्रमण के खिलाफ एकजुट होने के बाद पूरा मामला अब नगर निगम, प्रशासन और लोक निर्माण विभाग के गले की फांस बनता नजर आ रहा है। जबकि अतिक्रमणकारियों को 15 जनवरी की डेड लाइन दी गई है। बता दें, अनियोजित विकास और अतिक्रमण ने शहर की दशा और दिशा बिगाड़ कर रख दी है। सडक़ों और फुटपाथों में अतिक्रमणकारियों का कब्जा है। इससे सडक़ों ने गलियों का रूप धारण कर लिया है। जिसका खामियाजा स्थानीय जनता और पर्यटकों को जाम के रूप में भुगतना पड़ रहा है। इसके अलावा बाजार क्षेत्र में भी हालात बदतर हैं। दुकानदारों ने भी सडक़ों तक सामान फैलाया हुआ है। इसके बाद शेष बची सडक़ में वाहन पार्क किए जा रहे हैं। साथ ही दुकानों के आगे सडक़ भी फड़-ठेलों को किराए पर दे रखी हैं। जिससे बाजार में आने वाले लोगों के वाहन तो दूर पैदल चलना तक मुश्किल हो जाता है। कई बार हिदायतों के बाद भी इन अतिक्रमणकारियों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। हर बार प्रशासन को ही इनके आगे नतमस्तक होते देखा गया है। इधर अब शहर की सडक़ों और चौराहों के चौड़ीकरण की योजना है। इस पर काम भी शुरू हो चला है। इसके पहले प्रशासन ने व्यापारियों को बैठक के लिए भी आमंत्रित किया, लेकिन व्यापारियों ने इस बैठक का बहिष्कार करते हुए प्रशासन के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया। इस पर प्रशासन की ओर से प्रथम चरण में चौड़ीकरण काम रोडवेज से लेकर मंगल पड़ाव तक चलाया जा रहा है। इसके तहत सडक़ के मध्य से 12 मीटर की परिधी को टारगेट कर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जा रही है। इस क्षेत्र में अब तक कई अतिक्रमणों को प्रशासन और नगर निगम ध्वस्त कर चुका है। दिन में आम जनता को किसी प्रकार की परेशान न हो, इसे देखते हुए यह अभियान रात में चलाया जा रहा है। कई अतिक्रमण ध्वस्त करने के बाद निगम प्रशासन ने मंगल पड़ाव से रोडवेज तक करीब 65 भवन स्वामियों को नोटिस जारी किए हैं। इन्हें 15 जनवरी तक स्वयं ही अतिक्रमण ध्वस्त करने का अल्टीमेटम दिया गया है। चेताया गया है कि यदि इस अवधि में अतिक्रमण नहीं हटाया गया तो प्रशासन कार्रवाई शुरू कर देगा। इस कार्रवाई से व्यापारियों में खलबली मची हुई है। इसके तहत गुरूवार को व्यापारियों के प्रतिनिधिमंडल, निवर्तमान मेयर डॉ जोगेंद्र पाल सिंह रौतेला के आवास पर मिलने पहुंचा। जहां उन्होंने इस अभियान से व्यापारियों के समक्ष उत्पन्न हो रही परेशानियों को रखा। आरोप लगाया कि प्रशासन सडक़ चौड़ी करने के नाम पर शोषण पर उतारू है। कहा कि व्यापारियों को जबरन नोटिस जारी किए जा रहे हैं। उन्होंने निर्वतमान मेयर से व्यापारी हितों को ध्यान में रखते हुए प्रशासन के साथ वार्ता कर बीच का रास्ता निकालने की गुहार लगाई है। कहा कि व्यापारियों के समक्ष अब करो या मरो की स्थिति उत्पन्न हो गई है। चेतावनी दी है कि यदि ध्वस्तीकरण की कार्रवाई चलती रही तो व्यापारी आंदोलन को बाध्य होंगे। इसके लिए व्यापारी जल्द बैठक कर चरणबद्ध आंदोलन की रूपरेखा तैयार करेंगे। निर्वतमान मेयर डॉ रौतेला ने भरोसा दिलाया कि जल्द ही व्यापारियों की प्रशासन के साथ बैठक कराई जाएगी। मेयर से मिलने वालों में प्रांतीय उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल के जिलाध्यक्ष विपिन गुप्ता, महामंत्री हर्षवर्धन पांडे, महानगर अध्यक्ष योगेश शर्मा, महामंत्री मनोज जायसवाल, देवभूमि व्यापार मंडल के प्रदेश उपाध्यक्ष दलजीत सिंह दल्ली, मुकेश ढींगरा, इंद्रजीत सिंह अरोरा, सतवंत सिंह अरोरा, केतन गुप्ता, लक्की अरोरा, लक्की ढींगरा समेत तमाम व्यापारी शामिल रहे।

अतिक्रमणः आर-पार की लड़ाई के मूड में व्यापारी, संयुक्त संघर्ष समिति का गठन अतिक्रमण को लेकर व्यापारियों का आक्रोश अब चरम पर पहुंच गया है।

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