नैनीताल। उत्तराखण्ड हाईकोर्ट ने प्रदेश के 13 जिलों में से 11 जिलों में जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्षों व सदस्यों की कमी के खिलाफ स्वतरू संज्ञान लिए जाने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई की। मामले की सुनवाई करते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश मनोज कुमार तिवारी व न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की खंडपीठ ने यूकेएसएससी से 20 जनवरी (शनिवार) तक विज्ञप्ति जारी करने के साथ चार माह के भीतर भर्ती प्रक्रिया सम्पन्न कराने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई मार्च प्रथम सप्ताह की तिथि नियत की है। मामले के अनुसार हाईकोर्ट ने एक समाचार पत्र में छपी खबर का संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका के रूप में स्वतरू संज्ञान लिया। समाचार पत्र में कहा गया कि प्रदेश में राज्य उपभोक्ता आयोग के साथ ही सभी जिला मुख्यालयों जिला उपभोक्ता फोरम का गठन किया गया है लेकिन 13 में से 11 जिलों में अध्यक्ष और सदस्य मौजूद नहीं हैं। इससे उपभोक्ता मामलों का निपटारा नहीं हो पा रहा है। उत्तरकाशी तथा अल्मोडा, चमोली, पिथौरागढ़, टिहरी, पौड़ी,रूद्रप्रयाग तथा बागेश्वर व चंपावत में अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं हुई है वहीं हरिद्वार व देहरादून के कंज्यूमर फोरम निष्क्रिय साबित हुए हैं। हरिद्वार में तो उपभोक्ता फोरम के वादों की सुनवाई एक साल से नहीं हुई और देहरादून में वादों की सुनवाई सितम्बर 2022 को हुई है। हरिद्वार व देहरादून में उपभोक्ता फोरम के 1470 वाद लंबित हैं। समय पर वादों की सुनवाई नही होने पर उपभोक्ताओं को समय पर न्याय नहीं मिल पा रहा है। यही हाल अन्य जिलों का भी है इसलिए रिक्त पदों पर शीघ्र भर्ती की जाय।
Chief Editor, Aaj Khabar