देहरादून। सूबे में पंचायत स्तर पर गठित ग्राम स्वास्थ्य एवं स्वच्छता समितियों को सक्रिय किया जायेगा ताकि ग्राम स्तर पर आम लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हो सके। लम्बे समय से निष्क्रिय पड़ी इन समितियों को एक्टिव करने की जिम्मेदारी मुख्य चिकित्साधिकारियों को सौंपी गई है। इसके लिये प्रत्येक तीन माह में ग्राम प्रधान की अध्यक्षता में समितियों की नियमित बैठकें की जायेंगी जिसमें स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों सहित जनप्रतिनिधि मौजूद रहेंगे। सूबे के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने अपने शासकीय आवास पर स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक ली। जिसमें ग्राम स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं के ठोस क्रियान्वयन एवं कार्य प्रक्रिया में परिणाम आधारित सुधार लाने को लेकर विभागीय अधिकारियों एवं मुख्य चिकित्साधिकारियों के साथ विस्तृत चर्चा की गई। डॉ. रावत ने बताया कि राज्य की कुल 7950 ग्राम पंचायत के 16674 ग्रामों में गठित ग्राम स्वास्थ्य एवं स्वच्छता समितियां लम्बे समय से निष्क्रिय पड़ी हैं। इन समितियों को सक्रिय कर ग्राम प्रधान की अध्यक्षता में नियमित बैठकें आयोजित की जायेंगी ताकि ग्राम स्तर पर आम लोगों को केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा संचालित स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ आसानी से मिल सके। उन्होंने कहा कि इन बैठकों में संबंधित जनपद के मुख्य चिकित्साधिकारी के अलावा पूर्व में आवंटित जनपदों के अनुसार विभागीय अधिकारी यथा निदेशक स्वास्थ्य, निदेशक चिकित्सा शिक्षा, महानिदेशक स्वास्थ्य, अपर सचिव स्वास्थ्य, एमडी एनएचएम, सचिव स्वास्थ्य 10-10 ग्राम स्वास्थ्य एवं स्वच्छता समितियों की बैठकों में अनिवार्य रूप से शामिल होंगे। इसके साथ ही स्थानीय विधायक और वह स्वयं भी बैठकों में प्रतिभाग करेंगे। विभागीय मंत्री डा. रावत ने कहा कि ग्राम स्तर पर स्वास्थ्य एवं स्वच्छता समिति की नियमित बैठक होने से स्थानीय स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं में व्यापक सुधार होगा साथ ही आम लोगों को सरकार द्वारा संचालित विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं का लाभ आसानी से मिल सकेगा।
विभिन्न संवर्गों के रिक्त पदों पर होगी भर्तीः-
बैठक में विभागीय मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने अधिकारियों को आउटसोर्स के माध्यम से वार्ड ब्वॉय की भर्ती सहित विभिन्न संवर्ग के रिक्त पड़े पदों की क्रमवार भर्ती के निर्देश दिये। उन्होंने सभी मुख्य चिकित्साधिकारियों को अपने-अपने जनपद में वार्ड ब्वाय, एएनएम, सीएचओ, टेक्निशियंस, फार्मासिस्ट एवं चिकित्सकों के रिक्त पड़े पदों का विवरण दो सप्ताह के भीतर महानिदेशालय को भेजने को कहा ताकि महानिदेशालय स्तर पर भर्ती प्रक्रिया यथाशीघ्र शुरू की जा सके।
सभी अस्पतालों का होगा एनएबीएच एक्रिडिएशनः-
विभागीय मंत्री डॉ. रावत ने कहा कि प्रदेश के सभी राजकीय चिकित्सालयों को एनएबीएच एक्रिडिएशन के लिये अनिवार्य रूप से आवेदन करना होगा। इसके लिये उन्होंने विभागीय अधिकारियों को अभी से तैयारियां शुरू करने के निर्देश दिये। डॉ. रावत ने बताया कि राज्य सरकार ने इस वर्ष सभी जिला अस्पतालों सहित राजकीय मेडिकल कॉलेज देहरादून, श्रीनगर, अल्मोड़ा, हल्द्वानी को राष्ट्रीय अस्पताल मानकीकरण बोर्ड की मान्यता प्रदान करने का लक्ष्य रखा है। इस अवसर पर अपर सचिव स्वास्थ्य अमनदीप कौर, महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ. विनीता शाह, निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ. आशुतोष सयाना, निदेशक स्वास्थ्य डॉ. मीतू शाह, डॉ. सुनीता टम्टा, डॉ. सुनीता चुफाल सहित सभी जनपदों के मुख्य चिकित्साधिकारी उपस्थित रहे।
Chief Editor, Aaj Khabar