Uttarakhand: उत्तराखंड के चमोली जिले में भारत-तिब्बत सीमा के पास स्थित माणा गांव के पास शुक्रवार को भारी हिमस्खलन हुआ, जिसमें सीमा सड़क संगठन (BRO) के 57 मजदूर बर्फ में दब गए। अब तक 16 मजदूरों को बचा लिया गया है और गंभीर हालत में सेना कैंप में भेजा गया है। पुलिस मुख्यालय के प्रवक्ता आईजी निलेश आनंद भरणे ने बताया कि मजदूर सीमा सड़क संगठन के रोड कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट से जुड़े थे और हिमस्खलन ने उनके कैंप को पूरी तरह दबा दिया।
चमोली जिलाधिकारी संदीप तिवारी के अनुसार, हिमस्खलन माणा और बद्रीनाथ के बीच हुआ, जिससे बीआरओ कैंप पूरी तरह बर्फ में दब गया। राहत एवं बचाव कार्य के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) की टीमें मौके के लिए रवाना हो चुकी हैं, लेकिन लगातार हो रही बर्फबारी और बारिश के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन में बाधा आ रही है।
माणा गांव भारत-तिब्बत सीमा पर स्थित अंतिम गांव है, जिसकी ऊंचाई 3,200 मीटर है। सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें मिलकर बचाव कार्य में लगी हुई हैं। प्रशासन ने वायुसेना से भी मदद मांगी है ताकि बर्फ में दबे मजदूरों को जल्द से जल्द निकाला जा सके। खराब मौसम और दुर्गम हालातों के बीच रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।
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Chief Editor, Aaj Khabar