Haldwani News: शहर में गुरुवार को राम बारात का भव्य आयोजन किया गया, जिसने धार्मिक और सांस्कृतिक उल्लास का अद्वितीय अनुभव प्रस्तुत किया। बारात का आरंभ बरेली रोड पर स्थित श्री राधाकृष्ण मंदिर से हुआ, जहां से यह भव्य रैली रामलीला मैदान की ओर बढ़ी। इस धार्मिक उत्सव में हजारों श्रद्धालुओं ने भाग लिया और राम भक्ति का अद्भुत माहौल बना।
राम बारात के दौरान 25 आकर्षक झांकियों का प्रदर्शन किया गया। इनमें विशेष रूप से मां नंदा-सुनंदा, भगवान राम, श्याम बाबा, और मां दुर्गा के नौ रूपों की झांकियां शामिल थीं। सबसे खास बात यह रही कि उत्तराखंड में पहली बार मां नंदा-सुनंदा की झांकी को दर्शाया गया, जिसने स्थानीय दर्शकों को खासतौर पर प्रभावित किया। इसके अलावा, रामजी की राजगद्दी की झांकी और कालिका माता एवं हनुमान जी का अखाड़ा भी विशेष आकर्षण का केंद्र बने।
इस भव्य आयोजन में पंजाब, इटावा (उत्तर प्रदेश), और राजस्थान से विशेष सांस्कृतिक समूहों को आमंत्रित किया गया था। पंजाब से आए श्हैप्पी गिद्दा ग्रुप अमृतसरश् ने अपनी नृत्य प्रस्तुतियों से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। राजस्थान से आई छह महिलाओं के समूह ने अपने लोक नृत्य का अद्भुत प्रदर्शन किया, जिसने दर्शकों के दिलों में उत्साह का संचार किया।
हरियाणा के पांच प्रसिद्ध बैंड्स ने भी इस बारात में संगीत का रंग जमाया, जिससे वातावरण और भी जीवंत हो गया। इसके साथ ही, उत्तराखंड के प्रसिद्ध झोलिया समूह ने भी अपने नृत्य से दर्शकों का मन मोह लिया।
पूरे शहर में राम भक्ति का माहौल था, और श्रद्धालुओं ने आस्था और उत्साह के साथ रामलीला मैदान को जनकपुरी के रूप में सजाया। इस आयोजन में सिटी मजिस्ट्रेट एपी बाजपेई, पूर्व चेयरमैन रेनू अधिकारी, ललित जोशी, प्रदीप बिष्ट, और बंशीधर भगत समेत सैकड़ों गणमान्य व्यक्तियों और राम भक्तों की उपस्थिति ने इसे और भी भव्य बना दिया।
प्राचीन शिव सेवा समिति के सदस्यों ने बताया कि इस बारात के माध्यम से विभिन्न राज्यों की सांस्कृतिक झलकियों को प्रस्तुत कर लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया गया है। उनका मुख्य उद्देश्य देश की विविध संस्कृतियों को दर्शाना और समाज में एकता का संदेश फैलाना है। इस प्रकार, राम बारात ने न केवल धार्मिक आस्था को प्रकट किया, बल्कि भारतीय संस्कृति की विविधता और एकता को भी संजीवनी दी।
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Chief Editor, Aaj Khabar