Patna News: भारतीय लोक संगीत की दिग्गज गायिका, पद्मभूषण शारदा सिन्हा का मंगलवार देर रात दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में निधन हो गया। 72 वर्षीय शारदा सिन्हा पिछले कुछ दिनों से गंभीर रूप से बीमार थीं और उनका इलाज एम्स के आईसीयू में चल रहा था। उनकी बीमारी की जानकारी के अनुसार, वह मल्टीपल मायलोमा नामक बीमारी से जूझ रही थीं, जिसके चलते उन्हें 22 अक्टूबर से अस्पताल में भर्ती किया गया था।
शारदा सिन्हा के निधन के बाद से देश भर में शोक की लहर दौड़ गई है। उनके योगदान को याद करते हुए कलाकारों, नेताओं और प्रशंसकों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। बुधवार को उनका पार्थिव शरीर दिल्ली से पटना लाया गया, जहां राजेंद्र नगर स्थित उनके आवास पर अंतिम दर्शन के लिए रखा गया। परिजनों के अनुसार, बुधवार को उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा, और राज्य सरकार ने उनके अंतिम संस्कार को राजकीय सम्मान देने की घोषणा की है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शारदा सिन्हा के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए घोषणा की कि उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। शारदा सिन्हा का पार्थिव शरीर बुधवार को दिल्ली से पटना एयरपोर्ट लाया गया, जहां से इसे उनके आवास राजेंद्र नगर ले जाया गया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और कई अन्य नेताओं ने श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर उनके साथ संजय झा, विजय कुमार चौधरी और अन्य लोग भी उपस्थित थे।
केंद्रीय मंत्री जितन राम मांझी ने शारदा सिन्हा के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया और कहा, उनके निधन से बिहार और देश को अपूरणीय क्षति हुई है। खासकर छठ पर्व के दौरान उनके गीतों की यादें हमेशा हमारे दिलों में रहेंगी। वह एक अद्वितीय कलाकार थीं।
इसके अलावा, पद्मश्री डॉक्टर सीपी ठाकुर ने भी शारदा सिन्हा को श्रद्धांजलि दी और इस घटना को संगीत और सांस्कृतिक जगत के लिए अपूरणीय क्षति बताया।
शारदा सिन्हा के निधन से उनके ससुराल बेगूसराय और मायके सुपौल में शोक का माहौल है। बेगूसराय के सीहमा गांव में उनके परिवार और स्थानीय लोग गहरे शोक में डूबे हुए हैं। गांव के लोग कहते हैं कि वह हर साल छठ के पर्व पर अपने ससुराल आती थीं, लेकिन इस बार उनका घर सूना रह गया।
सुपौल जिले के राघोपुर प्रखंड के हुलास गांव में भी शारदा सिन्हा की जड़ें थीं। यहां के लोग आज भी उनके आगमन का इंतजार करते हैं। 31 मार्च 2024 को वह अपने मायके आई थीं और परिवार से वादा किया था कि वह फिर से आएंगी, लेकिन उससे पहले ही उनका निधन हो गया।
शारदा सिन्हा भारतीय लोक संगीत की एक महत्वपूर्ण शख्सियत थीं। उन्होंने अपनी गायकी के माध्यम से बिहार और उत्तर भारत की सांस्कृतिक धरोहर को जिंदा रखा। उनका नाम छठ पूजा के गीतों और लोक गायन के लिए खासतौर पर लिया जाता है। शारदा सिन्हा के निधन से न केवल बिहार बल्कि समूचे देश ने एक महान कलाकार को खो दिया है।
पटना में उनके अंतिम संस्कार के लिए गुलबी घाट को चुना गया है, और उनकी शवयात्रा में राज्य और केंद्र सरकार के कई नेता शामिल होंगे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अलावा, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा भी शारदा सिन्हा को श्रद्धांजलि देने के लिए पटना आएंगे। वे गुरुवार शाम 7 बजे राजेंद्र नगर स्थित उनके आवास पर श्रद्धांजलि देंगे।
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Chief Editor, Aaj Khabar