नई दिल्ली। तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा की लोकसभा सदस्यता खत्म की कर दी गई है। शुक्रवार को संसदीय एथिक्स कमेटी ने टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा से जुड़े कैश फोर क्वेरी मामले की रिपोर्ट लोकसभा में पेश की। रिपोर्ट पेश होते ही सदन में विपक्षी सांसदों ने हंगामा शुरू कर दिया। हंगामा बढ़ा तो संसद की कार्यवाही 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। दो बजे सदन शुरू तो घंटेभर की चर्चा के बाद सदन ने मोइत्रा की संसद सदस्यता को खत्म करने की सिफारिश ध्वनि मत से स्वीकार कर ली। इसके बाद लोकसभा स्पकी ने उनकी सदस्यता खत्म करने का ऐलान कर दिया। बता दें कि शुक्रवार को लोकसभा में एथिक्स कमेटी ने महुआ के खिलाफ जांच रिपोर्ट को पेश किया था जिसके बाद ये कार्रवाई की गई। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने अपनी शिकायत में मोइत्रा पर उपहार के बदले व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी के इशारे पर अडानी समूह और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बनाने के लिए लोकसभा में सवाल पूछने का आरोप लगाया था। दुबे ने कहा कि आरोप सुप्रीम कोर्ट के एक वकील के पत्र पर आधारित थे जो उन्हें मिला था, जिसमें मोइत्रा और व्यवसायी के बीच ष्रिश्वत के लेन-देन के कई सबूत मौजूद हैं।
बीजेपी के सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को पत्र लिखकर महुआ मोइत्रा पर पैसे लेकर सवाल पूछने का आरोप लगाया था। अपनी शिकायत में उन्होंने आरोप लगाया था कि महुआ मोइत्रा ने रियल एस्टेट कारोबारी दर्शन हीरानंदानी के व्यवसायिक हितों की रक्षा के लिए सवाल पूछे। उनका आरोप था कि महुआ मोइत्रा ने हीरानंदानी के इशारे पर 61 सवालों में 50 में अंबानी और अडानी को टारगेट किया। लोकसभा अध्यक्ष ने यह मामला एथिक्स कमेटी के पास भेज दिया। बीजेपी सांसद विनोद सोनकर की अध्यक्षता वाली एथिक्स कमेटी ने इसकी जांच शुरू की तो बवाल बढ़ता गया। महुआ मोइत्रा ने संसदीय कमेटी पर अनर्गल सवाल पूछने के आरोप भी लगाए। मामला तब बिगड़ गया, जब पूछताछ में कारोबारी दर्शन हीरानंदानी ने खुलासा किया कि महुआ मोइत्रा ने अपनी संसद लॉगिन और पासवर्ड उनके साथ साझा किया था। उन्होंने महुआ की ओर से सवाल पोस्ट किए थे। एथिक्स कमेटी ने 6-4 के बहुमत से महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता खत्म करने की सिफारिश कर दी।
पहले बैंकर बनी, फिर राजनीति में किया प्रवेश, पहली बार करीमपुर से बनी विधायकः
मूल रूप से बंगाली ब्राह्मण परिवार से ताल्लुक रखने वाली महुआ मोइत्रा ने अपनी शुरुआती पढ़ाई कोलकाता में की। इसके बाद परिवार अमेरिका में जाकर बस गया। मैसाचुसेट्स से मैथ्स और इकनॉमिक्स में ग्रैजुएशन के बाद महुआ मोइत्रा ने बैंकर के तौर पर अपना कैरियर शुरू किया। वह जेपी मॉर्गन की वाइस प्रेजिडेंट भी रहीं। इस दौरान वह कुछ समय तक डेनमार्क में भी रही। उनके पूर्व पति लार्स ब्रोरसन भी डेनिश थे। कैश ऑफ क्वेरी विवाद के बीच टीएमसी ने उन्हें बड़ी जिम्मेदारी दी गई। राहुल गांधी के विचारों के प्रभवित होकर उन्होंने यूथ कांग्रेस ज्वांइन की। उन्हें नादिया जिले का प्रभारी बनाया गया है। 2024 के चुनाव में पार्टी फिर उन्हें लोकसभा का टिकट देगी, ऐसी उम्मीद की जा रही है। टीएमसी समर्थकों का मानना है कि कैश फॉर क्वेरी विवाद से महुआ को राजनीतिक लाभ मिल सकता है, क्योंकि वह बीजेपी के खिलाफ मुखर हैं।
Chief Editor, Aaj Khabar