Haldwani News: हाल ही में हल्द्वानी से गंगोलीहाट तक शव को टैक्सी की छत पर बांधकर ले जाने की घटना के बाद, मुख्यमंत्री ने जांच के आदेश देने के साथ जरूरतमंद परिवारों के लिए फ्री एंबुलेंस सेवा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे। बावजूद इसके, अल्मोड़ा जिले के स्याल्दे भिकियासैंण ब्लॉक के पैठणा गांव की एक महिला के परिजनों को अस्पताल से शव ले जाने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ा और अंत में निजी खर्च पर एंबुलेंस से शव को अपने गांव भेजना पड़ा।
घटना 23 दिसंबर की है, जब 45 वर्षीय हेमा देवी पेड़ से गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गई थीं। उन्हें तत्काल उपचार के लिए हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल लाया गया था। पहले दिन उन्हें इमरजेंसी में रखा गया, और अगले दिन मेडिसिन आईसीयू में भर्ती किया गया। परिजनों का आरोप है कि इस दौरान महिला को न्यूरो विभाग से उचित इलाज नहीं मिला, जिसके परिणामस्वरूप 29 दिसंबर को सुबह उनकी मौत हो गई।
मृतका के परिजनों ने आरोप लगाया कि अस्पताल प्रशासन से एंबुलेंस की मांग करने के बावजूद उन्हें कोई सहायता नहीं मिली। घंटों इंतजार के बाद, मजबूर होकर परिजनों को निजी एंबुलेंस का सहारा लेना पड़ा और 150 किलोमीटर दूर अपने गांव शव को ले जाने के लिए अतिरिक्त खर्च करना पड़ा।
अस्पताल के प्राचार्य डॉ. अरुण जोशी ने बताया कि महिला की हालत गंभीर थी और उन्हें मेडिसिन आईसीयू में भर्ती किया गया था। उन्होंने यह भी कहा कि अस्पताल में शव ले जाने के लिए एक एंबुलेंस उपलब्ध है, लेकिन उस वक्त वह पहले ही कांडा भेजी जा चुकी थी और शनिवार तक वापस आने की संभावना थी।
इस घटना ने राज्य के स्वास्थ्य सेवाओं और एंबुलेंस की उपलब्धता पर सवाल खड़े किए हैं, खासकर जब मुख्यमंत्री ने पहले ही ऐसी परिस्थितियों से निपटने के लिए फ्री एंबुलेंस सेवा की घोषणा की थी।
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Chief Editor, Aaj Khabar