Haldwani: उत्तराखंड सरकार द्वारा प्रदेश में पुराने बिजली मीटरों को हटाकर स्मार्ट मीटर लगाने के फैसले पर नेता प्रतिपक्ष श्री यशपाल आर्य ने कड़ा विरोध जताया है। उन्होंने सरकार से सवाल किया है कि वर्तमान में लगे मीटरों को हटाने की क्या आवश्यकता है और स्मार्ट मीटर में ऐसी क्या विशेषताएँ हैं जो इसे अनिवार्य बना रही हैं।
श्री आर्य ने कहा कि देश के कई हिस्सों से स्मार्ट मीटर के खिलाफ शिकायतें मिल रही हैं। उपभोक्ताओं का आरोप है कि स्मार्ट मीटर से बिजली खपत की तुलना में ज्यादा बिल आ रहा है, जिससे उपभोक्ता परेशान हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार निजी कंपनियों को लाभ पहुंचाने के लिए यह योजना लागू कर रही है, जबकि कई राज्यों में इसका विरोध हो रहा है।
उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार का दबाव है कि ‘टोटेक्स’ मॉडल के तहत स्मार्ट मीटर लगाए जाएं, अन्यथा राज्यों को बिजली क्षेत्र में सुधार और विकास के लिए फंड नहीं मिलेगा। इस योजना के तहत उपभोक्ताओं से 93 महीने तक मीटर की लागत, डेटा प्रबंधन, क्लाउड स्टोरेज और साइबर सुरक्षा सहित विभिन्न खर्चों की किश्तों में वसूली की जाएगी।
आर्य ने यह भी आरोप लगाया कि इस योजना से गरीब उपभोक्ताओं पर भारी बोझ पड़ेगा और बिना पूर्व सूचना के बिजली काटी जा रही है। उन्होंने मांग की कि सरकार को इस निर्णय को लागू करने से पहले जनभावनाओं का सम्मान करना चाहिए और राज्य में इस योजना का पुरजोर विरोध किया जाएगा।
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Chief Editor, Aaj Khabar