New Delhi News: हास्य अभिनेता सुनील पाल और अभिनेता मुश्ताक मोहम्मद के अपहरण मामले में पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। आरोपियों ने एक फर्जी इवेंट कंपनी बनाकर दोनों कलाकारों को अपने जाल में फंसाया और उनका अपहरण कर लिया। आरोपियों ने यह साजिश इतनी चतुराई से रची कि दोनों अभिनेताओं को विश्वास में ले लिया और उन्हें कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आमंत्रित कर लिया।
पुलिस द्वारा की गई त्वरित कार्रवाई और मीडिया में मामले के आने के बाद आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू हुई। जांच में पता चला है कि दो मुख्य आरोपी लवी पाल और अर्जुन कर्णवाल को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि छह अन्य आरोपियों के बारे में भी जानकारी मिली है, जिनकी तलाश जारी है।
आरोपियों ने अभिनेताओं को एक इवेंट कंपनी के जरिए कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए बुलाया था। इस जाल में फंसाने के लिए उन्होंने इवेंट कंपनी का फर्जी लेटर पैड भी तैयार किया था और ऑनलाइन एडवांस भुगतान किया था। सुनील पाल और मुश्ताक मोहम्मद को दिल्ली आने के बाद हरिद्वार और बिजनौर बुलाया गया।
सुनील पाल को नवंबर में एक व्यक्ति ने कॉल किया था और खुद को इवेंट कंपनी का मैनेजर बताते हुए उन्हें दो दिसंबर को हरिद्वार में एक बर्थडे पार्टी में प्रस्तुति देने के लिए आमंत्रित किया था। बाद में, दो दिसंबर को सुनील पाल दिल्ली आए और कार से हरिद्वार के लिए रवाना हुए, लेकिन रास्ते में मेरठ में एक ढाबे से उनका अपहरण कर लिया गया। उन्हें बिजनौर के एक होटल में रखा गया, जहां से आठ लाख की फिरौती वसूली गई और इसके बाद वे छोड़ दिए गए।
इसी तरह, 20 नवंबर को मुश्ताक मोहम्मद खान का भी अपहरण किया गया था। उन्हें बिजनौर के मोहल्ला चाहशीरी स्थित एक मकान में रखा गया, लेकिन मुश्ताक ने नशे में धुत आरोपियों का फायदा उठाकर वहां से भागने में सफलता पाई। हालांकि, उन्होंने इसकी शिकायत पुलिस से नहीं की, जिसका फायदा आरोपियों ने उठाया और फिर सुनील पाल को भी जाल में फंसा लिया।
इस मामले के सामने आने के बाद पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज की मदद से आरोपियों की पहचान की और उन्हें गिरफ्तार किया। बिजनौर के लवी पाल और अर्जुन कर्णवाल को मंगलवार रात गिरफ्तार किया गया। इसके बाद पुलिस ने उनसे पूछताछ की, जिसमें छह अन्य आरोपियों के बारे में जानकारी मिली है।
मुख्य आरोपी लवी पाल का एक दिलचस्प अतीत है। वह बिजनौर के एक वार्ड से नगर पालिका चुनाव लड़ चुका है और 2016 में कार चोरी के मामले में भी जेल जा चुका है। उसके साथी का नाम भी इस मामले में सामने आ रहा है, जो पूर्व सभासद रह चुका है।
एसएसपी डॉ. विपिन ताडा ने बताया कि पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है और अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
हालांकि, पुलिस की ओर से शुरुआत में इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया गया था, लेकिन मीडिया में मामले का खुलासा होने के बाद पुलिस हरकत में आई। आरोपियों के खिलाफ अब कार्रवाई तेज़ कर दी गई है और इस पूरे मामले की जांच जारी है।
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Chief Editor, Aaj Khabar