नई दिल्ली। चंडीगढ़ मेयर चुनाव को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ सकता है। न्यायालय ने जिस तरह का रूख अपनाया है, उससे साफ है कि चुनाव दोबारा नहीं होंगे। इस मामले में न्यायालय ने सुनवाई करते हुए पीठासीन अधिकारी को कड़ी फटकार लगाते हुए मुकदमा चलाने की राय दी है। साथ ही रविवार को तीन पार्षदों के पाला बदलने को लेकर भी उच्चतम न्यायालय ने चिंता जाहिर की। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हम खरीद-फरोख्त को लेकर चिंतित हैं। बता दें कि चंडीगढ़ नगर निगम के पार्षद पूनम देवी, नेहा मुसावत और वार्ड गुरचरणजीत सिंह काला ने दिल्ली पहुंचकर भाजपा का दामन थाम लिया था जिसके बाद से ही नगर निगम में जीत का समीकरण भाजपा के पक्ष में हो गया है। चंडीगढ़ नगर निगम में मेयर के लिए 19 वोट की जरूरत होती है। आप के तीन पार्षदों के भाजपा में आने के बाद समीकरण पूरा भाजपा के पक्ष में है। रविवार को मेयर के इस्तीके बाद माना जा रहा था नए सिरे से चुनाव होंगे लेकिन जो रूख अदालत ने अपनाया है, उसके बाद अगर तीनों पार्षदों को बाहर कर कर दिया जाए और आठों पार्षदों को लेकर फिर से चुनाव हुए तो आप-कांग्रेस गठबंधन का प्रत्याशी मेयर बन सकता है।
Chief Editor, Aaj Khabar