नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने दुग्ध संघों की निर्वाचन प्रक्रिया को जारी रखने के निर्देश दिए हैं साथ ही राज्य सरकार सहित अन्य पक्षकारों को जवाब दाखिल करने को कहा है। शुक्रवार को दुग्ध संघ के पूर्व अध्यक्ष व बिंदुखत्ता के भाजपा नेता भरत सिंह नेगी की चुनाव प्रक्रिया को चुनौती देती याचिका पर सुनवाई हुई। इस मामले में सरकार की ओर से बताया गया कि अविभाजित उत्तर प्रदेश से 2004 तक प्राथमिक दुग्ध सहकारी समितियों के निर्वाचित सभापति ही जनपद स्तर की केंद्रीय दुग्ध समिति (दुग्ध संघ) की सामान्य निकाय के सदस्य होते थे। दुग्ध संघ की प्रबंध समिति सदस्यों एवं सभापति के निर्वाचन में मतदान करने एवं निर्वाचन प्रकिया में प्रतिभाग करने का अधिकार भी प्राथमिक दुग्ध सहकारी समितियों के सभापतियों का था लेकिन 2004 में राज्य में सहकारी समिति अधिनियम नियमावली में राज्य सरकार की ओर से संशोधन के बाद दुग्ध संघ की सामान्य निकाय सदस्य को निर्वाचित सभापतियों के स्थान पर प्राथमिक दुग्ध सहकारी समितियों के निर्वाचित प्रतिनिधियों को कर दिया गया। कहा कि 2014 से प्रदेश के विभिन्न दुग्ध संघों की ओर से अपनी वार्षिक सामान्य निकाय के माध्यम से प्रस्ताव पारित किया गया कि पूर्व व्यवस्था के अनुसार प्राथमिक दुग्ध सहकारी समितियों के निर्वाचित सभापतियों को ही दुग्ध संघ की सामान्य निकाय के सदस्य के रूप में रखा जाय तथा निर्वाचित सभापतियों को ही दुग्ध संघ की प्रबंध समिति के सदस्यों एवं सभापति के निर्वाचन में प्रतिभाग करने का अधिकार प्रदत्त हो। राज्य सरकार की ओर से उत्तराखंड सहकारी समिति अधिनियम- 2003 सहपठित नियमावली- 2004 में वर्ष 2021 में संशोधन किया गया।
Chief Editor, Aaj Khabar