कम नहीं हुई दशहतः अल्चौला में दिखे दो बाघ।

कम नहीं हुई दशहतः अल्चौला में दिखे दो बाघ।
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हल्द्वानी। जिले के भीमताल ब्लाक में आदमखोर वन्य जीवों का आतंक कम होने का नाम नहीं ले रहा है। शनिवार को ब्लाक के दुदली गांव से एक गुलदार को पिजरे में कैद करने के बाद फिर रविवार की सुबह करीब दस से साढ़े दस बजे के मध्य अल्चौना में ग्रामीणों को दो बाघ क्षेत्र में भ्रमण करते नजर आए। दूसरी ओर बाघ ने ब्लाक के जंगलिया गांव में सुरेंद्र सिंह पोखरिया पुत्र नारायण सिंह पोखरिया के बैल को अपना निवाला बना दिया। इस बीच ब्लाक के ब्लाक प्रमुख डा.हरीश सिंह बिष्ट आदमखोर वन्य जीव प्रभावित समेत अन्य संभावित क्षेत्रों पर पैनी निगाह रखे हुए हैं,रविवार को प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के दौरान उनके समक्ष ग्रामीणों ने प्रमुखता से अपनी बात रखी। प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर लौटे ब्लाक प्रमुख डा.हरीश सिंह बिष्ट ने बताया कि रविवार की सुबह एक बार फिर ग्रामीणों को अल्चौना गांव में दो

बाघ विचरण करते नजर आए। बिष्ट के मुताबिक बाघ दिखने के बाद से ग्रामीणों में और अधिक दशहत का माहौल बना हुआ है। डा.बिष्ट ने अल्चोना के तोक ताड़ा में पीड़ित परिवार से मुलाकात की और उन्हें हर संभव मदद का आश्वासन दिया। उन्होंने पीडित परिवार को वन महकमे की ओर से अभी तक मुआवजा न दिए जाने पर रोष जताया। उन्होंने कहा कि वन महकमे की ओर से चौक वितरण का राजनीतिकरण किया जा रहा, जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, मुआवजा वितरण को तमाशा बनाकर रख दिया गया है। डा. बिष्ट ने कहा कि सभी प्रभावित परिवारों की मुआवजा राशि सीधे उनके बैंक खातों में हस्तांतरित किया जाना चाहिए तथा वर्तमान हालातों को देखते हुए सरकार द्धारा इस राशि को दोगुना करना चाहिए। ब्लाक प्रमुख डा.बिष्ट के मुताबिक ग्रामीणों ने उन्हें बताया कि विभाग द्वारा अभी मात्र 6 सोलर लाइट ही गांव में दिए गए हैं, इसमें भी राजनीति की जा रही है। प्रमुख डा.बिष्ट ने जिलाधिकारी वंदना सिंह से वार्ता कर 50 से 60 सोलर लाइट प्रभावित क्षेत्र के गांवों में देने की माग की। डा.बिष्ट के मुताबिक गांव में अधिकांश लोग खेती और पशुपालन पर निर्भर हैं। ग्रामीणों को अपने दैनिक कार्य नहीं कर पा रहे। विभाग को चाहिए कि वह आदमखोर वन्य जीवों की बढ़ती दशहत को देखते हुए गश्त भी बढ़ाए। बड़ाने के निर्देश दिए हैं। भ्रमण के दौरान डा.बिष्ट के साथ ग्राम

प्रधान पूरन भट्ट, नवीन पलडिया, लक्ष्मण सिंह गंगोला समेत संजीव भगत, मुकेश पलडिया, राजेंद्र कोटलिया, कृष्णा नंद भट्ट, हरीश तिवाड़ी, खजान भट्ट तथा दीपू मेहरा आदि मौजूद रहे।

कम नहीं हुई दशहतः अल्चौला में दिखे दो बाघ।

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