Uttarakhand स्थापना दिवस पर प्रधानमंत्री ने दी शुभकामनाएं, राज्य के उज्जवल भविष्य के लिए विकास के संकल्प और नौ विशेष आग्रह

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देहरादून: उत्तराखंड के राज्य स्थापना दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि डबल इंजन सरकार के दौर में उत्तराखंड में विकास का महायज्ञ जारी है। उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में उत्तराखंड की सरकार की तारीफ की और प्रदेशवासियों से नौ महत्वपूर्ण आग्रह किए। इन आग्रहों में से पांच उत्तराखंड के नागरिकों से और चार पर्यटकों से हैं, जो उत्तराखंड की सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहर को संजोने में योगदान देंगे।

विकसित उत्तराखंड का संकल्प

वीडियो संदेश में प्रधानमंत्री ने राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर उत्तराखंड के रजत जयंती वर्ष की शुरुआत का जिक्र करते हुए कहा कि यह समय उत्तराखंड के उज्जवल भविष्य की नींव रखने का है। उन्होंने कहा कि आने वाले 25 वर्षों में उत्तराखंड एक विकसित राज्य बनने की दिशा में अपने संकल्प को पूरा करेगा। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि यह दशक उत्तराखंड का दशक है और राज्य ने उनके इस विश्वास को सही साबित किया है।

उत्तराखंड का तेजी से बढ़ता विकास दर

प्रधानमंत्री मोदी ने उत्तराखंड के विभिन्न क्षेत्रों में हो रही प्रगति पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि पिछले साल राज्य ने एसडीजी इंडेक्स में पहला स्थान पाया, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में उपलब्धि हासिल की, और स्टार्टअप रैंकिंग में लीडर कैटेगरी में जगह बनाई। उत्तराखंड की प्रति व्यक्ति आय में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। राज्य के सकल घरेलू उत्पादन (जीडीपी) में दो गुना वृद्धि दर्ज की गई है, जो युवाओं के लिए रोजगार और औद्योगिक विकास के नए अवसर ला रही है।

डबल इंजन सरकार का लाभ स्पष्ट: पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 के बाद उत्तराखंड में विकास की गति तेजी से बढ़ी है। इस अवधि में जल कनेक्शन, सड़कें, बिजली, और गैस कनेक्शन जैसी मूलभूत सुविधाओं में भारी विस्तार हुआ है। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार की मदद से उत्तराखंड में वर्तमान में 2 लाख करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट चल रहे हैं, जिसमें कनेक्टिविटी योजनाएं भी शामिल हैं। प्रधानमंत्री ने ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना का जिक्र करते हुए बताया कि इसे 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य है।

विकास और विरासत का संतुलन

प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में विकास के साथ-साथ विरासत को भी संजोया जा रहा है। केदारनाथ धाम के भव्य पुनर्निर्माण, बदरीनाथ मास्टर प्लान, और मानसखंड मंदिर माला मिशन जैसे प्रोजेक्ट्स पर तेजी से काम हो रहा है। इसके अतिरिक्त, चारधाम यात्रा को सुविधाजनक बनाने के लिए ऑल वेदर रोड और पर्वत माला योजना के तहत धार्मिक व पर्यटन स्थलों को रोपवे से जोड़ा जा रहा है।

सीमांत गांवों का विकास: वाइब्रेंट विलेज योजना

प्रधानमंत्री मोदी ने सीमांत क्षेत्रों के गांवों को देश के पहले गांव के रूप में मानते हुए, उनके विकास का संकल्प दोहराया। उन्होंने माणा गांव की यात्रा का जिक्र करते हुए वाइब्रेंट विलेज योजना की शुरुआत की बात कही, जिसके अंतर्गत राज्य के 50 सीमांत गांवों का विकास किया जाएगा।

पर्यटन और श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या

प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में इस साल छह करोड़ पर्यटक और श्रद्धालु पहुंचे हैं, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को बड़ा प्रोत्साहन मिला है। इस प्रवृत्ति से होटल, होम स्टे, टैक्सी, और हस्तशिल्प उद्योग को लाभ मिला है। बीते वर्षों में पांच हजार से अधिक होम स्टे का पंजीकरण हुआ है, जिससे रोजगार और आय के साधन बढ़े हैं।

उदाहरण बना उत्तराखंड: यूसीसी और नकल विरोधी कानून

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उत्तराखंड ने ऐसे फैसले किए हैं जो देश के लिए मिसाल बन गए हैं। राज्य ने यूनिफार्म सिविल कोड (यूसीसी) लागू किया, जिसे प्रधानमंत्री ने सच्चे अर्थों में सेक्युलर सिविल कोड माना। इसके साथ ही नकल विरोधी कानून लागू कर शिक्षा क्षेत्र में सुधार किया गया है, जो माफिया के खिलाफ सख्त कदम उठा रहा है।


प्रधानमंत्री के नौ आग्रह

प्रधानमंत्री मोदी ने 9 नवंबर के महत्व का जिक्र करते हुए नौ विशेष आग्रह किए, जिनमें पांच उत्तराखंडवासियों से और चार पर्यटकों से संबंधित हैं।

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उत्तराखंडवासियों से आग्रह:

  • बोली-भाषा का संरक्षण: गढ़वाली, कुमाउंनी, जौनसारी जैसी बोलियों का संरक्षण कर आने वाली पीढ़ियों को सिखाएं।
  • एक पेड़ मां के नाम: हर व्यक्ति एक पौधा अपनी मां के नाम पर लगाए और पर्यावरण संरक्षण में योगदान दे।
  • स्वच्छ जल: नौलों और धारों का संरक्षण करें और पानी की स्वच्छता को प्राथमिकता दें।
  • गांव से जुड़ाव: अपने गांव से जुड़े रहें और रिटायरमेंट के बाद गांव में समय बिताएं।
  • तिबारी वाले घरों को संवारें: पुरानी तिबारी वाले घरों को संजोएं और होम स्टे के रूप में विकसित कर आय का साधन बनाएं।

पर्यटकों से आग्रह:

  • सिंगल यूज प्लास्टिक से बचें: पर्यटन स्थलों पर सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग न करें।
  • वोकल फॉर लोकल: स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहित करें और यात्रा का 5% खर्च स्थानीय सामान खरीदने में लगाएं।
  • यातायात नियमों का पालन: पहाड़ों पर सुरक्षित यात्रा करें और ट्रैफिक नियमों का पालन करें।
  • तीर्थ स्थलों की मर्यादा का पालन: धार्मिक स्थलों की परंपराओं का सम्मान करें और स्थानीय रीति-रिवाजों का पालन करें।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उत्तराखंड में विकास का यह महायज्ञ नई ऊंचाइयों तक पहुंचेगा और प्रदेश देश के लिए एक मिसाल बनता रहेगा।

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