Agra News: नकली नोट छापने वाले गिरोह का पर्दाफाश, ऐसे छापते थे नकली नोट

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Agra News: उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में पुलिस ने नकली नोट छापने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश कर दिया है। इस गिरोह के दो सदस्यकृदिल्ली के तेजेंद्र उर्फ तजेंद्र उर्फ काका और नगला लाले (एत्मादपुर) के सुभाष को गिरफ्तार किया गया है। गिरोह के सरगना फिरोजाबाद का गैंगस्टर बिट्टू की गिरफ्तारी के लिए पुलिस अब उसकी तलाश कर रही है।

आगरा के एसीपी एत्मादपुर पियूषकांत राय ने बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी कि एक गिरोह नकली नोट बना रहा है। इसके बाद, बुधवार को आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार तेजेंद्र मूल रूप से मंगोलपुरी, नई दिल्ली का निवासी है और फिलहाल नगला लाले के सुभाष के घर रह रहा था। पुलिस पूछताछ में तेजेंद्र ने बताया कि वह पहले भी नकली नोट के मामले में दिल्ली और फिरोजाबाद पुलिस द्वारा जेल भेजा जा चुका है। हाल ही में फिरोजाबाद जेल में उसकी मुलाकात गैंगस्टर बिट्टू से हुई थी, जो लूट के मामले में बंद था। दोनों की दोस्ती हो गई और बिट्टू ने तेजेंद्र को जमानत दिलवाई, जिसके बाद वह फिरोजाबाद से नकली नोट छापने का काम करने लगा।
पुलिस के अनुसार, तेजेंद्र ने यूट्यूब पर नकली नोट बनाने के वीडियो देखे और इसी से उसे नोट छापने का तरीका समझ में आया। वह 500 रुपये के नोट को स्कैन करता था और फिर फोटोशॉप तथा कोरेलड्रॉ सॉफ़्टवेयर की मदद से नोट की सीरीज़ बदलता था। इसके बाद वह फिरोजाबाद से 10 रुपये के स्टांप पेपर लेकर उस पर नकली नोट का प्रिंट निकालता था। महात्मा गांधी के वाटरमार्क को तैयार करने के लिए ट्रेशिंग पेपर और फाइव स्टार फिल्म के माध्यम से वाटरमार्क तैयार किया जाता था, ताकि नकली नोट हूबहू असली नोट की तरह दिखे। इसके बाद, हिट एम्बोजिंग मशीन का इस्तेमाल करके सुरक्षा धागा भी डाला जाता था।

पुलिस ने आरोपियों के पास से सात हजार रुपये के नकली नोट, दो मोबाइल फोन, एक लैपटॉप, एक माउसपैड, कार्ड रीडर, दो प्रिंटर, एक स्कैनर, एक यूएसबी हब, एक हीट एम्बोजिंग मशीन, वाटरमार्क फ्रेम सेटअप, केमिकल की बोतल, हाइड्रोजन बोतल, डेबल ट्रे, पांच रंग के डिब्बे और 80 स्टांप पेपर (10 रुपये के) सहित कई उपकरण बरामद किए हैं।

तेजेंद्र ने पुलिस को बताया कि पिछले चार महीनों में बिट्टू ने उससे 1.5 लाख रुपये और 50 हजार रुपये के नकली नोट तैयार करवा लिए थे। ये नोट ग्रामीण इलाकों में शराब के ठेके और ठेलों पर इस्तेमाल किए जाते थे। पुलिस को संदेह है कि इस गिरोह से जुड़े और भी लोग हो सकते हैं, जो नकली नोटों की सप्लाई करते हैं।

आरोपी तेजेंद्र ने बताया कि वह 2000 से अपराध की दुनिया में है। पहली बार वह बाइक चोरी के मामले में जेल गया था, और बाद में नकली नोट बनाने का काम शुरू किया। पुलिस अब यह जांच कर रही है कि उसका गिरोह किसी बड़े नेटवर्क से तो जुड़ा नहीं है।

आगरा पुलिस ने इस मामले में जांच जारी रखते हुए फरार गैंगस्टर बिट्टू की तलाश तेज कर दी है। थाना प्रभारी ने बताया कि आरोपी तेजेंद्र ने कहा था कि पिछले चार महीनों में बिट्टू ने उससे एक बार 1.5 लाख और दूसरी बार 50 हजार रुपये के नकली नोट छपवाए थे। ये नोट ग्रामीण इलाकों में शराब के ठेके वालों और ठेलों पर चलाए जाते थे। पुलिस को आशंका है कि इस गिरोह से जुड़ी एक और बड़ी सप्लाई नेटवर्क हो सकती है, जिसकी जांच चल रही है।

पूर्व में भी आगरा पुलिस ने नकली नोट बनाने वाले गिरोहों को पकड़ा है। इससे पहले सदर क्षेत्र और एत्मादपुर क्षेत्र में भी इस तरह के मामले सामने आ चुके हैं।

 

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