Nainital: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने उपनल कर्मचारियों के नियमितीकरण से जुड़े मामले में पूर्व आदेशों का पालन न करने पर मुख्य सचिव आनंद वर्धन के खिलाफ दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई की। वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ ने राज्य सरकार को निर्देश दिए हैं कि वह इस मामले में आगामी चार सप्ताह के भीतर निर्णय ले।
शुक्रवार को हुई सुनवाई में राज्य सरकार की ओर से एडवोकेट जनरल एसएन बाबुलकर ने कोर्ट से अनुरोध किया कि वर्तमान में राज्य में पंचायत चुनाव होने जा रहे हैं, ऐसे में आदेशों के अनुपालन के लिए अतिरिक्त समय दिया जाए। इस पर कोर्ट ने सरकार को आदेश के अनुपालन के लिए चार सप्ताह का और समय प्रदान किया। अब इस मामले की अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद होगी।
मामले की पृष्ठभूमि में, हाईकोर्ट ने वर्ष 2018 में कुंदन सिंह व अन्य की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए उपनल कर्मचारियों के नियमितीकरण के लिए नियमावली बनाने, वेतन से कर न वसूलने, न्यूनतम वेतन देने और एरियर का भुगतान सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था। सुप्रीम कोर्ट में इस आदेश को चुनौती दी गई थी, लेकिन शीर्ष अदालत ने हाईकोर्ट के आदेश को बरकरार रखा।
इसके बावजूद याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि राज्य सरकार ने आदेश का पालन नहीं किया और अब नियमावली बनाए बिना वर्षों से कार्यरत उपनल कर्मचारियों को हटाकर नई नियमित भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी है। पूर्व में आदेश के अनुपालन में विफल रहने पर तत्कालीन सचिव के विरुद्ध अवमानना याचिका दायर की गई थी, लेकिन बाद में उनके स्थान पर आईएएस अधिकारी आनंद वर्धन को विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई। इस प्रशासनिक बदलाव के कारण आदेशों के अनुपालन में और देरी हुई, जिस पर कोर्ट ने नवनियुक्त सचिव को पक्षकार बनाते हुए नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने को कहा है।
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Chief Editor, Aaj Khabar