Almora News:प्रदेश में छात्रसंघ चुनाव को लेकर बने हालात से छात्रों में भारी आक्रोश है। एसएसजे विवि के स्थानीय परिसर में पिछले कुछ दिनों से छात्र लगातार आंदोलन कर रहे हैं। सोमवार को छात्रों का विरोध प्रदर्शन उग्र हो गया। पुलिस ने एनएसयूआई के दावेदार ने आत्मदाह की घोषणा को देखते हुए सतर्कता बरतते हुए इसको नाकाम कर दिया लेकिन एक अन्य दावेदार ने इसबीच पेट्रोल छिड़क कर आत्मदाह की कोशिश कर दी। हालांकि उसे बचा लिया गया और उसका जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है। डाक्टरों के अनुसार वह 15 से 20 प्रतिशत के बीच झुलसा है। इधर आंदोलित छात्रों ने चैघानपाटा में उच्च शिक्षा मंत्री का पुतला भी फूंका।
जानकारी के अनुसार एसएसजे परिसर में एनएसयूआई के अध्यक्ष पद की दावेदार अमित बिष्ट ने सोमवार को आत्मदाह की दो दिन पहले चेतावनी दी थी। मामला जानकारी में होने पर कोतवाल जगदीश चंद्र देउपा सहित पुलिस बल मौके पर मौजूद था। फायर कर्मी भी तैनात किए गए थे। अपराह्न लगभग एक बजे अमित समर्थकों सहित गांधी पार्क चैघानपाटा के निकट पहुंचने वाला था कि इससे पहले पुलिस ने उसे सुरक्षित घेरे में ले लिया। इस दौरान अमित के समर्थक वर्तमान छात्रसंघ अध्यक्ष राहुल धामी ने खुद पर पेट्रोल छिड़क लिया लेकिन पूरी तरह चैकस बनी पुलिस ने उसे भी कब्जे में ले लिया और कोशिश नाकाम कर दी। लेकिन इस बीच अचानक स्थानीय स्तर पर गठित टाइगर ग्रुप से अध्यक्ष पद के दावेदार दीपक लोहनी ने खुद पर पेट्रोल डाल आग लगा ली।
हालांकि मौके पर मौजूद छात्रों व फायर कर्मियों ने आग पर काबू लिया। इसके बावजूद उसका चेहरा पेट और हाथ झुलस गया। तत्काल उसे इलाज के लिए जिला अस्पताल पहुंचाया। डॉक्टर के मुताबिक़ दीपक को आग से 15 से 20 फीसदी झुलसा है। इसके साथ ही शुभम पांडे भी हल्का झुलसा है।
धैर्य बनाए रखें छात्रः कांग्रेस जिलाध्यक्ष पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष रहे भूपेंद्र सिंह भोज ने कहा है कि आत्मदाह किसी समस्या का समाधान नहीं है। मांगें मनवाने के लिए गांधीवादी तरीके से विरोध प्रदर्शन करना चाहिए। हालांकि उन्होंने कहा कि वर्तमान परिस्थिति के लिए प्रदेश की भाजपा सरकार पूरी तरह जिम्मेदार है।
सरकार की उदासीनता चिंताजनकः उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष पीसी तिवारी ने छात्र नेताओं के आत्मदाह की कोशिश पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। तिवारी ने प्रदेश सरकार की उदासीनता की आलोचना करते हुए कहा कि सरकार छात्रों और युवाओं की भावनाओं और उनके जायज मांगों को समझने में पूरी तरह विफल रही है। छात्रसंघ चुनाव न कराने का सरकार का निर्णय युवाओं के आक्रोश को गलत दिशा में ले जा सकता है, जिसके लिए सरकार और विश्वविद्यालयों की कार्य प्रणाली दोषी होगी।
कहा है हकि छात्रसंघ चुनाव छात्रों का एक लोकतांत्रिक अधिकार है, और इसे रोकने की प्रवृत्ति लोकतंत्र के खिलाफ है। प्रदेश सरकार से अपनी हठधर्मिता छोड़ने और तुरंत छात्रसंघ चुनावों की तिथि घोषित करने की मांग की है। अध्यक्ष ने छात्रों से आत्मदाह जैसे कदमों से दूर रहने की सलाह दी है। कहा है कि इसके बजाय शांतिपूर्ण और प्रभावी आंदोलन की दिशा में बढ़ने का आह्वान किया।
For Latest Almora News Click Here
Chief Editor, Aaj Khabar