Khatima: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज खटीमा के नगरा तराई क्षेत्र में अपने खेत में धान की रोपाई कर खेती-किसानी से जुड़ी अपनी पुरानी स्मृतियों को साझा किया। इस अवसर पर उन्होंने खेत में स्वयं उतरकर धान की बुआई की और किसानों के श्रम, त्याग और समर्पण को निकट से अनुभव किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अन्नदाता न केवल हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं, बल्कि वे हमारी संस्कृति और परंपरा के संवाहक भी हैं। खेती के कार्य को आध्यात्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से जोड़ते हुए उन्होंने उत्तराखंड की समृद्ध सांस्कृतिक परंपरा “हुड़किया बौल” के माध्यम से भूमि के देवता भूमियां, जल के देवता इंद्र और छाया के देव मेघ की वंदना भी की।
इस अवसर पर स्थानीय ग्रामीणों और किसानों की उपस्थिति में पारंपरिक गीतों और रीति-रिवाजों के बीच वातावरण पूरी तरह से सांस्कृतिक उल्लास से भर गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार किसानों के हितों को सर्वोपरि मानते हुए हरसंभव प्रयास कर रही है ताकि कृषि को सम्मान और नवाचार के साथ जोड़ते हुए भविष्य के लिए एक स्थायी आधार बनाया जा सके।
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Chief Editor, Aaj Khabar