Nainital News: उत्तराखण्ड हाईकोर्ट ने प्राईमरी स्कूलों में अध्यापक बनने की सोच रहे स्पेशल बीएड धारक व टीईटी धारकों के मामले पर सुनवाई की। मामले की सुनवाई के बाद उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने कई मामलों में सुनवाई करने के बाद सर्वोच्च न्यायलय के देवेश शर्मा की अपील पर दिए गए आदेश के आधार पर इन अभ्यर्थियों की याचिकाओं को खारिज करते हुए सर्वोच्च न्यायालय के आदेश को बरकरार रखा है।
मामले के अनुसार गोपाल सिंह गोनिया व अन्य ने उच्च न्यायालय में कई याचिकाएं दायर कर कहा था कि उनके पास प्राईमरी स्कूलों के अध्यापक नियुक्त होने की पूरी योग्यता है। उन्होंने इसके लिए स्पेशल बीएड व टीईटी की परीक्षा भी उत्तीर्ण की है। राज्य सरकार ने इन पदों को भरने के लिए पूर्व में विज्ञप्ति भी जारी की और उनके आवेदन भी स्वीकार किए लेकिन सर्वोच्च न्यायलय के आदेश पर उनके आवेदन निरस्त कर दिए गए लिहाजा उनको प्राथमिकता दी जाए।
इसी बीच कुछ अभ्यर्थियों ने इस विज्ञप्ति को सर्वोच्च न्यायलय में चुनौती दी, जिसमें सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि स्पेशल बीएड और टीईटी की आवश्यकता प्राथमिक विद्यालयों के लिए आवश्यक नहीं है। मंगलवार को मामले की सुनवाई के बाद उच्च न्यायलय की खंडपीठ ने स्पेशल बीएड धारकों की याचिका को खारिज कर दिया।
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Chief Editor, Aaj Khabar