Haldwani News: जनजागरूकता अभियान के बाद भी कम नहीं हुए महिला अपराध

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Haldwani News: महिला अपराधों के खिलाफ उत्तराखंड पुलिस द्वारा चलाए जा रहे जन जागरूकता अभियानों और कड़ी कार्रवाई के बावजूद राज्य में महिला अपराध की घटनाओं में कोई खास कमी नहीं आई है। खासकर कुमाऊं मंडल के पहाड़ी जिलों में महिला अपराधों में वृद्धि ने एक बार फिर से चिंता जताई है। हालांकि, नैनीताल जनपद में इस साल महिला अपराधों में कमी देखी गई है, वहीं कुमाऊं के अन्य चार जिलों में इन अपराधों का ग्राफ बढ़ा है।

पुलिस के ताजे आंकड़ों के मुताबिक, कुमाऊं मंडल के विभिन्न थाना-कोतवाली क्षेत्रों में 2024 के जनवरी से नवंबर तक कुल 1448 महिला अपराधों के मामले दर्ज किए गए हैं। इसमें दुष्कर्म, हत्या, अपहरण, शीलभंग, दहेज प्रताड़ना, यौन अपराध और मुस्लिम महिला विवाह अधिकार अधिनियम से संबंधित मामले शामिल हैं। वहीं, 2023 में कुमाऊं के छह जिलों—नैनीताल, उधम सिंह नगर, अल्मोड़ा, बागेश्वर, पिथौरागढ़ और चंपावत—में महिला अपराध के कुल 1607 मामले दर्ज हुए थे।

हालांकि इस साल आंकड़ों में कमी आई है, लेकिन साल खत्म होने में अभी एक महीना बाकी है, जिससे भविष्य में और वृद्धि की आशंका बनी हुई है। पुलिस विभाग द्वारा जारी किए गए आंकड़े चौंकाने वाले हैं, क्योंकि पिछले साल के मुकाबले इस साल कुमाऊं में महिला अपराधों की घटनाओं में थोड़ा फर्क आया है, लेकिन फिर भी यह आंकड़े चिंताजनक हैं।

आंकड़ों के अनुसार, नैनीताल जिले में इस साल महिला अपराधों की संख्या 490 से घटकर 302 हो गई है, जो राहत की बात है। इसके विपरीत, कुमाऊं के चार अन्य जिलों—उधम सिंह नगर, अल्मोड़ा, बागेश्वर, पिथौरागढ़, और चंपावत—में अपराधों में वृद्धि हुई है। उधम सिंह नगर में 2023 में 866 मामले दर्ज हुए थे, जबकि 2024 में यह संख्या 865 के करीब बनी रही। अल्मोड़ा, बागेश्वर, पिथौरागढ़, और चंपावत में भी पिछले साल के मुकाबले महिला अपराधों में वृद्धि देखी गई है।

यह आंकड़ा राज्य सरकार के महिला सुरक्षा को लेकर चलाए जा रहे अभियानों और पुलिस की सक्रियता के बावजूद एक चुनौती का रूप में सामने आया है। महिला सुरक्षा के लिए राज्य सरकार द्वारा बनाए गए कानून, हेल्पलाइन नंबर, मोबाइल एप और संस्थाओं द्वारा चलाए गए जागरूकता कार्यक्रमों का प्रभाव इन घटनाओं पर दिखने में नाकाम रहा है। इसके बावजूद, बहुत कम ही मामलों में महिलाएं इन सुविधाओं का सहारा लेने के लिए सामने आईं हैं।

महिला अपराधों की बढ़ती घटनाओं को लेकर यह स्थिति राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन के लिए गंभीर चिंता का विषय बन गई है। अब यह देखना होगा कि आगे महिला सुरक्षा के लिए किस प्रकार के ठोस कदम उठाए जाएंगे ताकि कुमाऊं सहित अन्य क्षेत्रों में महिला अपराधों पर अंकुश लगाया जा सके।

 

 

 

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